बस्ती। बहराइच जनपद में भेड़िएं की दहशत को देख बस्ती में भी लोग अब भेड़ियों के मौजूदगी की संभावना जताने लगे हैं। हालांकि वन विभाग ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। वन विभाग इसे अफवाह बता रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोग रात में सियार को देख उसे भेड़िया समझ रहे हैं।
कप्तानगंज के एंठीडीह, मेढौवा गांव से वीडियो
शनिवार की रात कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एंठीडीह, मेढौवा गांव के पास एक युवक ने भेडियों का झुंड देखने की बात कही थी। उसने दूर से ही एक वीडियो भी उनका बनाया था। उसने डायल 112 व वन विभाग को भी भेड़िया देखने की बता बताई थी, जिसके बाद वन विभाग, पुलिस व स्थानीय ग्रामीणों ने सर्च अभियान चलाया, मगर कोई भेड़िया नहीं दिखा।
रेंजर ने बताया
रेंजर कप्तानगंज राजू प्रसाद ने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत व उसके आसपास सर्च अभियान चलाया गया, मगर भेडिया तो दूर उनकी मौजूदगी के निशान भी नहीं मिले।
कैसा होते हैं भेड़िएं
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के अनुसार भेड़िएं शिकार के मामले में बेहद खूंखार होते हैं। भेड़िया दूर से देखने में कुत्ते व सियार की तरह दिखाई देता है, लेकिन इनकी पहचान कुछ खास बातों से की जा सकती है। भेड़िएं की लंबाई पूंछसहित छह फीट तक हो सकती है। भेड़ियों के थूथन बड़े होते हैं। कान छोटे व अधिक गोल होते हैं। भेड़िएं अपने साथी को कभी अकेला नहीं छोड़ते हैं। यह झुंड बनाकर रहते हैं। भेड़िए की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। यह 16 फीट तक छलांग लगा सकता है। अपनी भूख मिटाने के लिए एक दिन में 20 से 25 किलोमीटर तक चल सकते हैं।
डीएफओ जय प्रकाश सिंह ने बताया
बहराइच में भेडियों की दहशत के चलते अब बस्ती में भी बात कर रहे हैं। कप्तानगंज से सूचनामिली थी। वहां सर्च अभियान चलाया गया, मगर वहां न तो भेड़िया मिला और न ही उसके पदचिह्न। कहा कि बस्ती में कोई भेड़िया नहीं है। गांवों में दिखने वाले सियार को देख लोग भेड़ियां समझ ले रहे हैं। वन विभाग को यदि कहीं से भी हिंसक जानवर की सूचना मिलती है तो तत्काल टीम भेजी जाती है।