पटना। ‘हेलो, मैं सीबीआइ अधिकारी बोल रहा हूं। आपके बेटे को ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है। उसे जेल भेजने से बचाना चाहते हैं तो इस नंबर पर इतने रुपये डालें…’ वाट्सएप काल पर ऐसी बातें कर लोगों से मोटी रकम की उगाही करने वाले तीन शातिर ठगों को पटना साइबर थाने की पुलिस ने दबोच लिया।
उनकी पहचान सिवान जिले के बड़हरिया थानांतर्गत निरखी छपरा निवासी इम्तियाज अली (24) एवं विवेक कुमार (19) और पटना के पालीगंज थानांतर्गत अख्तियारपुर निवासी विवेक कुमार उर्फ सौभिक कुमार उर्फ रौनक (19) के रूप में हुई है। थानेदार सह डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि आरोपितों के पास से लैपटाप, छह मोबाइल और छह डेबिट कार्ड मिले हैं। उनके खाते से प्रतिदिन लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन होते थे। इन सबके बैंक अकाउंट का ब्योरा खंगाला जा रहा है। इस संबंध में बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया है।
सिवान से आए थे गहने खरीदने, खेतान मार्केट से दबोचे गए
साइबर थाने की दारोगा सोनी राय एवं धर्मेंद्रमंडल और सिपाही रितिक कुमार साइबर ठगी के एक मामले की जांच कर रहे थे। तभी उन्हें जानकारी मिली कि ठग खेतान मार्केट स्थित कल्याण ज्वेलर्स से कीमती गहनों की खरीदारी करने आए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गयी। साइबर थाने की पुलिस तत्काल खेतान मार्केट पहुंच गयी और वहां पहुंच कर तीनों ठगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को थाने लाया गया और उनसे पूछताछ की गयी। डीएसपी ने बताया कि इम्तियाज और विवेक उसी दिन सिवान से जेवरात खरीदने आए थे। उनके लैपटाप में शिकार बनाए गए लोगों के बारे में जानकारी लिखी थी।
बन जाते थे पुलिसकर्मी तो कभी आइबी अधिकारी
डीएसपी ने बताया कि साइबर थाने में अक्सर ऐसे मामले सामने आ रहे थे, जिसमें पुलिसकर्मी, आइबी, सीबीआइ जैसे विभागों के अधिकारी बनकर लोगों में भय पैदा कर उगाही की जा रही थी। कभी बेटे को दुष्कर्म मामले में फंसाने की बात कही जाती तो कभी ड्रग्स के साथ दबोचे जाने की गलत जानकारी देते थे। कई बार तो ये तक कह देते कि आपके बेटे का हमने अपहरण कर लिया है। गिरफ्तार तीनों अपराधी संगठित गिरोह बना कर वारदात को अंजाम दे रहे थे। इनके गिरोह में और कितने लोग हैं, रुपये मांगने के लिए किसके खाते का उपयोग किया जाता था, डाटा कैसे जुगाड़ करते थे आदि जानकारी हासिल की जारही है।