आगरा। आगराकिला स्थित मुगलों के शाही हमाम पर संकट मंडरा रहा है। हमाम के छज्जे टूट गए हैं। तोड़ों के बीच गैप आ गया है। इससे यह गिर भी सकता है। यहां से प्रतिदिन पर्यटक गुजरते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का शाही हमाम के संरक्षण की ओर ध्यान नहीं है।
आगरा किला में दीवान-ए-खास के सामने शाही हमाम बना हुआ है। इसका उपयोग शाही परिवार द्वारा किया जाता था। हमाम से नगीना मस्जिद की ओर जाने वाले भाग की स्थिति सही नहीं है। हमाम के बाहर की तरफ स्थित भाग के तोड़े और छज्जे के पत्थर खराब हो चुके हैं। छब्जों के तीन पत्थर टूट गए हैं। तोड़ों के जोड़ के बीच बड़ा गैप आ गया है, जिससे इसे कभी भी क्षति पहुंच सकती है। यह गिर भी सकता है, जिससे पर्यटकों को खतरा हो सकता है। एएसआइ काइस ओर ध्यान नहीं है।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि शाही हमाम के संरक्षण की योजना बनाई जा रही है। इसके बाहरी भाग के संरक्षण में टूटे पत्थरों को बदलने के साथ ही तोड़ों को रिसेट किया जाएगा।
पर्यटकों के लिए है बंद
आगरा किला का अधिकांश भाग सेना के नियंत्रण में है। एएसआइ ने अपने अधिकारक्षेत्र में स्थित कई स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद कर रखा है। मुसम्मन बुर्ज, दीवान- ए-खास, शीश महल, मोतीमस्जिद, मीना बाजार के साथ शाही हमाम भी शामिल है। हमाम में संरक्षण कार्य करते समय अंदर की तरफ प्लास्टर, टीप और एजिंग (चूने के पुराने मोटे प्लास्टर को गिरने से रोकने को किनारों पर काम। का काम भी किया जाएगा।