झांसी के रेवन गांव में अब नहीं होगा मृत्युभोज

झांसी। यहां के रेवन गांव के लोगों ने परंपरा के नाम पर मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। गांव में खुली पंचायत हुई, जिसमें प्रतिनिधियों की ओर से इस आशय का प्रस्ताव रखा गया और पूरे गांव ने इस प्रथा के बहिष्कार की घोषणा कर दी। तय किया गया कि अब गांव में कोई भी परिवार मृत्युभोज नहीं करेगा और न ऐसे आयोजन में शामिल होगा।

मृत्युभोज की परंपरा बंद

ग्राम रेवन में रविवार को पंचायत का आयोजन किया गया था। वरिष्ठ नागरिकों ने सुझाव दिया कि मृत्युभोज की परंपरा बंद होनी चाहिए। मृत्युभोज शास्त्रसम्मत नहीं है, यह किसी के लिए दिखावा है, तो ज्यादातर के लिए “समाज क्या कहेगा” वाली मजबूरी। ऐसा दिखावा किस काम का जो गरीब को कर्जदार बना दे। यदि किसी की कुछ करने की इच्छा ही है तो मृत्युभोज की बजाय वह गरीबों को दान कर दे। वरिष्ठजनों ने कहा कि मृत्युभोज को प्रदर्शन नहीं बनाना મૃત્યુ चाहिए। मृत आत्मा की शांति के लिए शास्त्रों में तर्पण, मार्जन, हवन और ब्राह्मण भोज का उल्लेख है। सामूहिक मृत्युभोज का कहीं उल्लेख नहीं हैं, इसका भव्य आयोजन ठीक नहीं हैं।

सुझाव पर समर्थन

ग्रामीणों ने पंचायत के सुझाव का समर्थन किया। रेवन के ग्राम प्रधान पवन प्रेमनारायण सिंह यादव का कहना है कि यह निर्णय ग्रामहित व सर्व-समाज के हित में लिया गया है, जिसके समाज में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

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