राष्ट्र के विकास में राष्ट्रभाषा का महत्वपूर्ण योगदान – आचार्य डाॅ.विजय कृष्ण ओझा

By Arun Kumar

Published on:

बस्ती। हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद संतकबीर नगर के हिंदी विभाग द्वारा “हिंदी दिवस समारोह” का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता संस्कृत विभाग के आचार्य डाॅ.विजय कृष्ण ओझा ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है हमे इसके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सतत कार्य करते रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी राष्ट्र के विकास में उसकी राष्ट्रभाषा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वह हमारे जिंदगी में प्रकाश की तरह कार्य करती है।

प्रो. विजय राय ने हिन्दी भाषा के महत्व को रेखांकित किया तथा अहिंदी प्रदेशों में हिंदी शिक्षक के रूप में रोजगार की संभावना को कई व्यवहारिक उदाहरणों द्वारा प्रमाण प्रस्तुत किया।

वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर डाॅ. राजेश चन्द्र मिश्र ने कहा कि हिंदी के विकास में हिंदी फिल्मों, हिंदी न्यूज़ चैनलों और हिंदी टेलीविजन चैनलों एवं विज्ञापनों का विशेष योगदान है।

भूगोल विभाग के सहायक आचार्य प्रदीप कुमार ने कहा की हिंदी धीरे-धीरे तकनीक एवं टेक्नोलॉजी की भाषा बन रही है भाषा वैज्ञानिक इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं आने वाले समय में हिंदी का एक नया रूप हमारे सामने प्रस्तुत होगा।

वैश्विक फलक पर सशक्त की तरफ हिंदी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ.अमित कुमार भारती ने कहा कि हिंदी अपने सामाहार शक्ति के कारण धीरे-धीरे वैश्विक फलक पर सशक्त उपस्थिति दर्ज कर रही है और आने वाले समय में वह रोजगार की संभावनाओं के अनेकों द्वार खुलेगी। उन्होेंने केदारनाथ सिंह की कविता “मातृभाषा” के माध्यम से भाषा के महत्व को प्रतिपादित किया।

हिंदी पर लघु नाटिका प्रस्तुति

एम.ए. तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने हिंदी की दशा-दिशा एवं महत्व पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की जिसे अनुराधा सिंह, सुप्रिया विश्वकर्मा, हर्षिता पाण्डेय, प्रियंका यादव तथा आफरीन आदि के द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में विनय सिंह, पुरुषोत्तम पांडेय, फखरे आलम आदि उपस्थित रहें।

Share Now

Leave a Comment