कौशांबी : मंझनपुर स्थित एकअस्पताल में जन्म लेते ही बच्चे की मौत हो गई। अस्पताल संचालक ने उसकी मां की हालत खराब देख उसे एंबुलेंस से उसके मायके भेज दिया और रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। इस पर महिला के परिवार वालों ने अस्पताल के सामने जमकर हंगामा किया।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह समझा-बुझाकर शांत किया।सैनी के टांडे के रहने वाले जितेंद्र कुमार की 22 वर्षीय पत्नी पूनम देवी को गुरुवार को प्रसव पीड़ा हुई। मायके से उसका भाई राजेंद्र प्रसाद पहुंच गया और बहन पूनम को लेकर जिला अस्पताल गया। वहां से फिर बहन को लेकर मंझनपुर स्थित एक अस्पताल लेकर पहुंच गया।
अस्पताल में गुरुवार देर रात बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। भाई राजेंद्र का आरोप है कि बच्चे की मौत के बाद लापरवाही के कारण उसकी बहन की हालत खराब हो गई। अस्पताल संचालक ने तत्काल 50 हजार जमा करने के लिए कहा, जबकि वह 60 हजार रुपये एडवांस दे चुका था।दूसरे दिन यानी शुक्रवार की सुबह उन्हें बिना बताए एंबुलेंस से उसकी बहन को उसके घर यानी मायके उदहिन खुर्द भेज दिया गया, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
इस बारे अस्पताल संचालक डा. अरविंद कनौजिया का कहना था कि तबीयत ज्यादा खराब होने पर पूनम को वेंटिलेटर पर रखा गया था। परिवार के लोगों ने खर्च में अस्मर्थता जताई और डिस्चार्ज कराकर ले गए थे।
देर रात तक परिवार वाले अस्पताल के सामने हंगामा करते रहे। मंझनपुर पुलिस दोनों पक्षों से बातचीत करती रही लेकिन मामला शांत नहीं हुआ था।