रामलला की कलाई पर सजी सोने-चांदी की राखी

By Arun Kumar

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आंध्र प्रदेश की अमिता ने प्रभु को अर्पित किया सोने का हार आयुषी ने सोने की राखी

प्रवीण तिवारी

अयोध्याः नव्य मंदिर में विराजमान रामलला को देश के कोने-कोने से एक हजार से अधिक राखियों का अर्पण हुआ। रामलला के प्रति भ्रातृभाव रखने वाले भक्तों ने उनके लिए विशेष आकार प्रकार की राखी भेजी। सोमवार को मंदिर परिसर में रक्षा बंधन के पर्व का उल्लास बिखरा रहा। रामलला की कलाई पर सोने व चांदी के रक्षा सूत्र यांधे गए।

प्रभु के अर्चकों ने भक्तों के प्रतिनिधि के रूप में आराध्य की कलाई पर राखी सज्जित की। यहां पहुंची सभी राखियों को रामलला को अर्पित किया गया। राखी भेजने वाले भक्तों में महिलाओं के साथ पुरुष भी हैं।अयोध्या को आयुपी चौरसिया की राखी सोने की है। जब आयुपी रामलला के समक्ष पहुंचों तो वह विहुल नजर आईं। नेत्र सजल थे। मंदिर के गर्भगृह में उपस्थित एक आचार्य ने उनके प्रतिनिधि के रूप में भगवान को राखी बांधी।

इसके अलावा भी रामलला व उनके तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण व शत्रुब्न की कलाई पर रजत राखी बांधी गई। ये राखी उत्तराखंड व यूपी की एक महिला सुरक्षा कर्मी भक्त ने भेजी है। वह पूर्व में रामलला की सुरक्षा में तैनात रह चुकी हैं। अय वह भगवान को भाई मानती है। आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी निवासी अमिता शेट्टी स्वजन सहित रामलला के लिए सोने का हार अर्पित करने आईं, जिसे कार्यालय में भेंट किया। इसमें स्वर्ण जड़ित रक्षा सूत्र भी है। इस व्यवस्था से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि कोरियर, डाक से आने वाली राखियों की संख्या हजारों में है।

उधर हिमांचल प्रदेश से भक्तों का दल भी भगवान को राखी बांधने पहुंचा। रामलला के मुख्य अर्थक सत्येंद्रदास व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ (Shri Ram Janmabhoomi Tirtha) क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र सहित अन्य मंदिर व्यवस्था से जुड़े कुछ अन्य सदस्यों को अलग अलग भक्तों ने राखी अर्पित की। उधर रक्षा बंधन के दिन लगभग 80 हजार भक्तों ने रामलला का दर्शन किया। म अर्चक बताया कि मंगलवार को यान उन्हें विधान पूर्वक भगवान को को यथास्थान प्रतिष्ठित कर दिया।

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