लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र में रिक्त संयुक्त सचिव, निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती का विरोध किया है। मायावती ने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर कहा है कि इन पदों को निचले पदों पर तैनात कर्मचारियों को पदोन्नति देकर भरा जाना चाहिए। यह भी कहा है कि एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग के लिए कोटा व्यवस्था लागू करके इन पदों को भरा जाए।
अगर केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि इन पदों पर भर्ती के लिए केंद्र सरकार को नियम बनाना चाहिए, जिससे भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो। उन्होंने एक अन्य मामले में कहा कि राजस्थान के उदयपुर में दो स्कूली बच्चों के झगड़े के बाद हुई हिंसा को राजस्थान सरकार रोक पाने में विफल रही है।
सरकार ने अपनी विफलता को छिपाने के लिए एक आरोपित बच्चे के मकान पर बुलडोजर चलवा दिया। अदालत कोइस मामले का संज्ञान लेना चाहिए।भाजपा शासित राज्यों में खराब कानून व्यवस्था पर पर्दा डालने के लिए वहां की सरकारें राजनीति से प्रेरित होकर द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही हैं।
उन्होंने भाजपा को सलाह दी है कि सरकार को कानून का रखवाला बनकर काम करना चाहिए।वहीं इस मामले में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा पिछले दरवाजे से अपनी विचारधारा के लोगों को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के उच्च पदों पर बैठाने का षडयंत्र रच रही है।
यह सारी चाल पीडीए से उसका आरक्षण व अधिकार छीनने की है। उन्होंने युवाओं व अधिकारियों से अपील की है कि यदि सरकार इस मामले में अपना निर्णय नहीं बदलती है तो दो अक्टूबर से इसके विरुद्ध देश भर में सपा द्वारा शुरू किए जाने वाले आंदोलन में शामिल होकर इसका विरोध करें। उन्होंने कहा कि भाजपा के पिछड़े और दलित नेताओं को पीडीए के समर्थन में सपा के साथ आना चाहिए।