कार्बन क्रेडिट से कमाएगी नमो भारत, प्रदूषणकारी इकाइयां देंगी मूल्य

मेरठ। देश की पहली रीजनल रैपिड रेल यानी नमो भारत ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की गति से एनसीआर के शहरों को सिर्फ आपस में जोड़ेगी ही नहीं बल्कि यह कार्बन उत्सर्जन के क्षेत्र में नई राह दिखाने वाली है। यह है कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग। यह कुछ इस तरह से होगा कि कार्बन कम करने का जितना लक्ष्य नमो भारत ट्रेन प्राप्त करती जाएगी उतना ही दबाव प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर आता जाएगा। नमो भारत को कार्बन कम करने पर क्रेडिट मिलेगा, इस क्रेडिट को प्रदूषणकारी इकाइयों को धनराशि भुगतान करके खरीदना होगा।

ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए कार्बन उत्सर्जन

ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए दुनिया पर कार्बन उत्सर्जन कम करने का दबाव है। इसके बीच कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग के रूप में एक बाजार भी खुल रहा। इसका मतलब यह है कि जो संस्थान या परियोजना कार्बन उत्सर्जन जितना कम करेगा, उसेउतना ही क्रेडिट मिलेगी। प्रदूषण फैलाने वाली परियोजनाओं, इकाइयों को जुर्माने से बचने या प्रदूषण कम करने को प्रोत्साहित करने के लिए क्रेडिट खरीदना होगा। क्रेडिट खरीदने के बदले धनराशि चुकानी होगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने अपनी परियोजना नमो भारत ट्रेन के लिए कार्बन क्रेडिट का मूल्यांकन के लिए ईकेआइ एनर्जी सर्विस प्रा. लि. को सलाहकार नियुक्त किया है। 82 किमी लंबे आरआरटीएस कारीडोर के संचालित होने पर इससे 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिससे सालाना 11,500 टन सीओटू उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम साबित होगा। कारिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 70 प्रतिशत सौर ऊर्जा के माध्यम से पूर्ण करना है।

ऐसे मिलता है कार्बन क्रेडिट

कार्बन क्रेडिट योजना के अंतर्गतकार्बन क्रेडिट जारी किया जाता है।ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने या वतावरण से एक मीट्रिक टन कार्बन डाइ आक्साइड कम करने पर एक क्रेडिट मिलता है। कार्बन कम करने वाले उपायों से संबंधित परियोजना का मूल्यांकन करने के बाद क्रेडिट तय किया जाता है।

उन्होंने बताया कि कार्बन क्रेडिट बेचना या खरीदना बाध्यकारी नहीं है। यह अभी स्वैच्छिक है। भविष्य में यह सीमेंट, स्टील के भारी उद्योगों, लघु एवं मध्यम उद्योगों में वैकल्पिक रूप से शामिल हो सकता है।

कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग

ईकेआइ एनर्जी सर्विस प्रा. लि. के चेयरमैन मनीष डाबकारा ने बताया कि कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग यूरोप, कनाडा, जापान व स्विट्‌जरलैंड समेत कई देशों में हो रहा। भारत सरकार ने अपनी कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना में बदलाव कर व्यवस्था दी कि इस व्यापार में कोई भी संस्थान आगे आ सकता है।

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