कानपुर: आनलाइन वरासत रिपोर्ट लगाने में धीमे सर्वर, कम समय मिलने, अफसरों के दबाव से नाराज लेखपालों के कार्य बहिष्कार से मंगलवार 500 रिपोर्ट फंस गईं। इससे वरासत से जुड़े कार्यों को लेकर झटका लगा है। अनिश्चितकालीन बहिष्कार पर अड़े लेखपालों ने राजस्व परिषद को अपनी समस्याएं गिनाते हुए पत्र भेजा है।चारों तहसीलों घाटमपुर, नर्वल, सदर व बिल्हौर में आनलाइन वरासत रिपोर्ट के कार्य को लेकर लेखपाल मंगलवार को बहिष्कार पर रहे।
उप्र लेखपाल संघ कानपुर इकाई के अध्यक्ष ने बताया
उप्र लेखपाल संघ कानपुर इकाई के अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी ने बताया, ऑनलाइन वरासत की वेबसाइट पर अक्सर सर्वर सुचारु रूप से नहीं चलता है। पहले अंश निर्धारण का काम कानून गो करते थे। परवाना उनके यहां से ही बनता था।
अब लेखपालों के पास ही ये काम दे दिया गया है। इससे ई परवाना लेखपाल की लागिन से आता है। इसमें समय लगता है। रिपोर्ट लगाने की समय सीमा एक सप्ताह की रखी गई है, जबकि एक लेखपाल के पास दो से तीन वरासत रिपोर्ट का काम हर सप्ताह रहता है। इसमें अंश निर्धारण में समय लगता है। इसलिए यह समयावधि बढ़ाकर 15 दिन की जानी चाहिए। पहले लेखपाल आफलाइन रिपोर्ट लगाकर कानूनगो को भेजते थे, जहां अंश निर्धारित होता था। प्रदेश इकाई की ओर से राजस्व परिषद को समस्या बताई जा चुकी है। चारों तहसीलों के 275 लेखपाल कार्य बहिष्कार पर रहे।