नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अगस्त तक के आर्थिक संकेतों पर गौर करें तो भारत चालू वित्त वर्ष में 6.5 से सात प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए तैयार है। जिन आर्थिक संकेतों की बात कही गई है, उसमें स्थिर विकास, निवेश, रोजगार, बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार और मुद्रास्फीति (Inflation) के रुझान शामिल है। अगस्त के लिए जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक संभावनाओं में जारी अनिश्चितता को दूर करना व्यापक आर्थिक मोर्चे पर एक चुनौती है।
उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंकाओं और भू-राजनीतिक संघर्षों के बीच हम वैश्विक स्तर पर नीतिगत दरों में कटौती को देखेंगे। ने रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि और अगस्त तक क के संकेतों को देखकर लगता है कि आर्थिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष के र लिए जो जीडीपी अनुमान लगाया था, से वह पूरी तरह से ठीक था।आर्थिक समीक्षा में यह उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष के शेष समय में जहां सार्वजनिक व्यय में वृद्धि होगी, जिससे विकास दर और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि क्षेत्र में, खरीफ का रकबा पहले से ही अधिक दिखाई दे रहा है। जलाशयों में पर्याप्त पानी है, जिसके चलते रबी फसलों को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, हर जगह एक जैसी बारिश नहीं होने से कुछ क्षेत्रों में कृषि उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। कुछ सेक्टर में तनाव के शुरुआती संकेत भी मिल रहे हैं।
उदाहरण के लिए, आटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने यात्री वाहनों की बिक्री में कमी की ओर इशारा किया है।