कम्प्यूटर को चालू कैसे करे, पूरी जानकारी..

कम्प्यूटर को चालू करना (Turning on the Computer) – सिस्टम यूनिट और मॉनीटर पर लगे स्विच को ऑन करके आप अपना कम्प्यूटर चालू कर सकते हैं।यदि आपके कम्प्यूटर में हार्ड डिस्क नहीं है तो आपको DOS की डिस्क A ड्राइव में लगानी होगी। DOS डिस्क में कुछ ऐसे प्रोग्राम होते हैं जिनके बिना कम्प्यूटर का प्रयोग असंभव है।

जब आप कम्प्यूटर को चालू करते हैं तो सबसे पहले कम्प्यूटर के सभी हिस्सों में विद्युत धारा पहुंचती है। इसके बाद कुछ जटिल क्रियाएं होती हैं जिन्हें बूट अप (boot up) या बूटिंग (booting) या बूटस्ट्रेप (bootstrap) कहते हैं।

बूटस्ट्रेप नाम इसलिए दिया गया है कि यह कम्प्यूटर को स्वयं सब कुछ करने देता है जबकि बाहर से ऑपरेटिंग सिस्टम या DOS आपने लगाया ही नहीं होता। इसके दो कार्य हैं: पहला विद्युत को ऑन करने का सेल्फ टेस्ट (Self Test) जिससे यह ज्ञात होता है कि आपका कम्प्यूटर सही काम कर रहा है या नहीं। और दूसरा ऑपरेटिंग सिस्टम की फाइल को डिस्क से कम्प्यूटर की मेमोरी (Memory) में लोड (load) करना।

सेल्फ टेस्ट (Self Test)

जब आपका कम्प्यूटर सेल्फ टेस्ट करता है तो सबसे पहले यह अपनी मेमोरी रैम (RAM) में देखता है और उसके प्रत्येक बाइट (Byte) या अंश को चेक करता है। जब आप कम्प्यूटर चालू करते हैं तो स्क्रीन पर देखिए कि यह अपनी मेमोरी की किलोबाइटों में गिनती (Count) करता है। जब मेमोरी चेक समाप्त हो जाता है तो पी.सी. अपने महत्वपूर्ण भागों का परीक्षण करता है। कुछ कम्प्यूटर इस परीक्षण को स्क्रीन पर दर्शाते हैं तो दूसरे कुछ गड़बड़ि‌यों को ही प्रदर्शित करते हैं।

यदि किसी भाग में खराबी हो तो कम्प्यूटर इसकी सूचना स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है और यह तब तक काम नहीं करता जब तक कि समस्या हल नहीं हो जाती। यदि आपका पी.सी. ठीक प्रकार काम कर रहा हो तो मेमोरी और भाग चेक करने के बाद यह एक आवाज पैदा करता है जिससे पता चलता है कि सब कुछ ठीक है।

MS-DOS को ढूंढ़ना और लोड करना (Locating & Loading MS-DOS)

सेल्फ टेस्ट में आपके कम्प्यूटर का अन्तिम कार्य DOS (ऑपरेटिंग सिस्टम) को लोड करना होता है। DOS सामान्यतः हार्ड डिस्क पर पहले से ही लगा होता है लेकिन जब कम्प्यूटर DOS को तलाश करता है तो पहले यह फ्लॉपी डिस्क ड्राइव A का परीक्षण करता है। यदि कम्प्यूटर को यह वहां नहीं मिलता, तो यह इसे हार्ड डिस्क पर खोजता है और यदि इसे DOS मिल जाता है तो यह DOS प्रोग्राम को मेमोरी में लोड कर देता है। जैसे ही यह लोडिंग पूरी हो जाती है, DOS कम्प्यूटर को अपने कब्जे में कर लेता है और फिर एक कमाण्ड प्रॉम्प्ट (Command Prompt) प्रदर्शित करता है। इससे पता चलता है कि अब कम्प्यूटर कार्य करने के लिए तैयार है।

कमाण्ड प्रॉम्प्ट (The Command Prompt)

सिस्टम के बूट (Boot) होने के बाद कम्प्यूटर का स्क्रीन निम्न चित्र की भांति दिखाई देगा:

A से बूटिंग क्या है? (What is Booting from A)

फ्लॉपी डिस्क से DOS को लोड करने के प्रक्रम को A से बूट करना कहते हैं और इस प्रक्रिया में प्रॉम्प्ट A> के रूप में दिखेगा।

A ड्राइव से बूट करना कब आवश्यक है? (When it is necessary to Boot from A Drive?)

कभी-कभी आपका सिस्टम चालू नहीं हो पाता क्योंकि किसी कारण DOS हार्ड डिस्क से लोड नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में आप सिस्टम को चालू करने के लिए DOS युक्त फ्लॉपी डिस्क प्रयोग कर सकते हैं। फ्लॉपी को ड्राइव A में प्रविष्ट कराएं और कम्प्यूटर को चालू कर दें।

निष्कर्ष

यदि आपका पी.सी. ठीक प्रकार काम कर रहा हो तो मेमोरी और भाग चेक करने के बाद यह एक आवाज पैदा करता है जिससे पता चलता है कि सब कुछ ठीक है।

FAQ

Q. कंप्यूटर को चालू कैसे किया जाता है?

A. अपने मॉनिटर के पावर अप बटन को ढूँढें और उस पर एक बार क्लिक करने के बाद कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें।

Q. कंप्यूटर को स्टार्ट करना क्या कहलाता है?

A. बूटिंग कंप्यूटर को चालू करने और सिस्टम को पावर देने की प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में, यह एक स्टार्टअप अनुक्रम है जो चालू होने पर कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रारंभ करता है।

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