ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए साबित होगी वरदान, हैदराबाद से मंगाई गई..

By Arun Kumar

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  • सवा एकड़ में दस लाख रूपये की लागत से हुई शुरुआत।
  • तीन सौ रुपए किलो हो रही बिक्री, चार से पांच टन तक होगा उत्पादन।
  • हैदराबाद से मंगाई गई नर्सरी, दूसरे जिलों के लोग हो रहे प्रेरित।

बस्ती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर गौर विकास खंड के कोठवा गांव के देवांश पांडेय ड्रैगन फ्रूट की खेती कर खुद तो आर्थिक रूप से मजबूत हो ही रहे हैं। साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं।

देवांश अपने पिता स्व. सुनील कुमार पांडेय के साथ मिलकर सवा एकड़ में ड्रैगन फूड यानी कमलम की खेती की शुरुआत की थी। डेढ़ वर्ष में ही अब खेती से मुनाफा आना शुरू हो गया है।

देवांश ने बताया कि एक एकड़ खेती में करीब दस लाख रूपये से शुरुआत की जा सकती है। एक बार पिलर और दूसरे सामान बन जाए तो लंबे समय तक सुरक्षित रहते है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे की उम्र 25 वर्ष होती है। मतलब एक बार पौधा लगाकर हम इतने लंबे समय तक फल प्राप्त कर सकते है। एक एकड़ में वर्ष भर में चार से पांच टन तक पैदावार होती है।

जिससे दस से बारह लाख रुपए तक मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार में ढाई से तीन सौ रुपए प्रति किलो बिक रहा है। हर दिन कई लोग देवांश के खेत से ड्रैगन फ्रूट लेकर जाते है। बताया कि हैदराबाद से इसकी नर्सरी मंगाई गई थी। सवा एकड़ में दो हजार चार सौ चालीस पौधे लगाए गए है। जिनमें अब फल आना शुरू हो गया है। देवांश ने कहा कि शुरुआत में तो डर लगा कि सफल नहीं हो पाए तो क्या होगा? लेकिन अब जब फल आने लगा तो बहुत खुशी होती है। जिले के अलावा गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर से भी किसान और युवा संपर्क करते है। कुछ लोग आकर भी इसकी खेती के बातें में जानकारी लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार ड्रैगन फ्रूट की खेती करके के लिए प्रेरित कर चुके है। जरूरत के हिसाब से देश में इसकी पैदावार बहुत कम है। अभी वियतनाम और चाइना से देश में ड्रैगन फ्रूट आयात किया जाता है। ऐसे में जब परंपरागत खेती के साथ लोग इसकी खेती में रुचि लेंगे तो समय के साथ यह भी देश में पर्याप्त मात्रा में पैदा होने लगेगा।

इन सेट: गंभीर बीमारियों में होता है प्रयोग: इसका उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में किया जाता है। साथ ही डायबिटीज कंट्रोल में इसका सबसे अधिक लाभ है। इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने, पाचन सही करने, खून की कमी दूर करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं। ड्रैगन फल को सेहत के लिए काफी लाभकारी माना गया है।

ड्रैगन फल में आयरन, कैल्शियम, जिंक, एंटीऑक्सीडेंट बीटा-कैरोटीन, फिनौल, फ्लेवानाल, मैगनीशियम, विटामिन्स और फाइबर की मात्रा होती है, जो एक शरीर के लिए जरूरी भी है।इनसेट: तीन वर्ष बाद तैयार होगी नर्सरी: देवांश ने बताया कि तीन वर्ष बाद इसकी नर्सरी भी तैयार हो जायेगी। इसके बाद कोई भी किसान भाई आकर पौधा ले सकता है। तमाम किसान और युवा लगातार संपर्क कर रहे है कि कैसे इसकी खेती बेहतर तरीके से किया जा सकता है।

कंपनियों से जुड़ कर करेंगे बिक्री

देवांश ने बताया कि जिले में पैदावार के अनुसार खपत नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से इसे बड़ा बाजार देने दिया जाएगा। इसके लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट से जुड़ने का प्रयास कर रहा हूं।

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