डीफार्म, बीफार्म व बीसीए में प्रवेश की तैयारी

गोरखपुर। वर्तमान सत्र से ही दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की सूची में पांच व्यावसायिक पाठ्यक्रम और जुड़ जाएंगे। डीफार्म, बीफार्म, एमएस इन एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), बीसीए इन आइओटी (इंटरनेट आफ थिंग्स) और बीसीए इन मशीन लर्निंग व डाटा साइंस नाम के इन पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या निर्धारित कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी है।

विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के मुताबिक प्रवेश के इसी सप्ताह आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। जल्द से जल्द प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर कक्षाओं का संचालन शुरू करने की विश्वविद्यालय की योजना है।बीते दिनों पीसीआइ (फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया) से डीफार्म और बीफार्म पाठ्यक्रम को संचालित करने की अनुमति मिलने के बाद विश्वविद्यालय इन दोनों पाठ्यक्रमों के इस सत्र से संचालन की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए लैब और कक्षाओं का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

एसएस इन एआइ और बीसीए इन आइओटी व बीसीए इन मशीन लर्निंग एंड डाटा साइंस पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए नाइलिट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फार्मेशन टेक्नालाजी) से विश्वविद्यालय का करार पहले ही हो चुका चुका है। प्रवेश प्रकोष्ठ ने इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को संपूर्ण जानकारी देने के लिए ब्रोशर (विवरणिका) तैयार कर लिया है।

पाठ्यक्रम की सीटें व अर्हता

डीफार्म 60, इंटरमीडिएट, वीफार्म 60, भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, गणित, बायोटेक्नाली, कंप्यूटर साइंस, जीव विज्ञान विषय से 40 प्रतिशत अंक के साथ इंटरमीडिएट, एमएस इन एआइ: 30, गणित, कंप्यूटर, इलेक्ट्रानिक्स, भौतिकी या सांख्यिकी विषय के साथ बीएससी, बीटेक, बीसीए व एमसीए, वीसीए इन आइओटी : 60, गणित संवर्ग से इंटमीडिएट या डिप्लोमा, वीसीए इन मशीन लर्निंग व डाटा साइंस : 60, गणित संवर्ग से इंटरमीडिएट या डिप्लोमा

डीफार्म व बीफार्म सहित पांच नए पाठ्यक्रमों में इसी सत्र से प्रवेश लेने की तैयारी कर ली गई है।पूरी कोशिश है कि इसी सप्ताह प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाए, जिससे जल्द से जल्द प्रवेश कार्य पूरा करके कक्षाओं का संचालन शुरू किया जा सके। सभी पांच नए पाठ्यक्रमों की वर्तमान में काफी लोकप्रियता है। ऐसे में पूरा विश्वास है कि प्रवेश के लिए पर्याप्त संख्या में आवेदन आएंगे और हमें अपने इन पाठ्यक्रमों के लिए योग्य विद्यार्थी प्राप्त होंगे। – प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय

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