आगराः माध्यमिक विद्यालयों में शतरंज की प्रतिभा निखारने के लिए बिसात बिछाई जाएगी। माध्यमिक विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं में शतरंज को भी शामिल किया गया है। इसके लिए उप्र चेस एसोसिएशन ने पहल की है। अब जमीनी स्तर पर खिलाड़ी तैयार करने की जिम्मेदारी जिला शतरंज संघ की होगी।
शतरंज संघ जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि जिला शतरंज संघ की ओर से अब हर स्कूल में एक शतरंज मास्टर रखा जाएगा। जो छात्रों को शतरंज खेलने के तौर-तरीके सिखाएगा। साथ ही उनकी प्रतिभा को और निखारने का काम करेगा। अभी तक शतरंज सिखाने वाले प्रशिक्षक न के बराबर हैं। अब स्कूल में एक प्रशिक्षक और जिले में चार नोडल होंगे जो प्रशिक्षण की समीक्षा करेंगे। इतने प्रशिक्षकों को तैयार करने की जिम्मेदारी जिला शतरंज संघ की होगी।
इसे लेकर जिला संघ ने वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोच को प्रशिक्षण देने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है। सितंबर से इस रणनीति पर कार्य शुरू हो सकता है। माध्यमिक स्कूल में शतरंज मास्टर के साथ क खिलाड़ी गिने-चुने ही होते थे। के इस प्रदेश शतरंज एसोसिएशन सि और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की म आपसी सहमति के बाद हर स्कूल में अब नई पौध तैयार की की जा सकेगी।
अनिल श्रीवास्तव श्र ने बताया कि प्रशिक्षण का खर्च एक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उठाएगा। दन शतरंज संघ सिर्फ बेहतर प्रशिक्षक अ देगा।
बनेंगी चार टीमें
शतरंज प्रशिक्षकों पर स्कूली स्तर पर चार टीमें बनाएंगे। एक टीम में दो खिलाड़ी शामिल होंगे। खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें जिला स्तरीय, मंडल स्तरीय और फिर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए भेजा जाएगा।