डेस्क न्यूज। वृंदावन तीन सौ से अधिक हरे पेड़ों पर आरा चलाने के आरोपित को कुछ घंटों में जमानत मिल गई, लेकिन कुछ पेड़ों के पत्ते चरने वाली पांच भैंसों को सात दिन की हिरासत भुगतनी पड़ी। इसके साथ ही भैंस पालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया। 14,100 रुपये जुर्माना देने पर सात दिन बाद गोशाला से भैंसों की रिहा किया गया।
19 सितंबर को यमुना किनारे संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र में पांच भैंस घूमते हुए पहुंच गई। गहां लगे पेड़ों के कुछ पत्तों को भैंसों ने चर लिया। इसकी सूचना मिलने ही नगर निगम की टीम हरकत में आ गया। पांचों भैंसों को पकड़कर कान्हा गोशाला में बंद कर दिया। सफई एवं खाद्य निरीक्षक सुभाषचंद्र व राजस्व निरीक्षक मुकेश सिंह ने भैंस पालक केशीघाट निवासी लाखन के खिलाफ अनाधिकृत रूप से पशुओं को होड़ने और वृक्षावलियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भारतीय वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
बुधवार शाम भैंस स्वामी लाखन ने नगर निगम में 14,300 रुपये का जुमांना जमा किया, तब भैंसों को रिहा किया गया। अपर नगर आयुक्त चंद्र प्रकाश पाठक ने बताया कि पहले भी भैंस पालक की चेताया गया था, लेकिन वह नहीं माना, इसलिए भैसों की गौशाला भेजकर जुर्माना लगागा गया था। ताकि भविष्य में वह भैसों को इस क्षेत्र में न लाए।
एक भैंस के खाने पर 50 रुपये होते खर्च
गोशाला में रखी भैसों पर सात दिन में 1750 रुपये सार्च किए गए। केयरटेकर सोनू पाठक ने बताया कि एक भैस की एक दिन के खाने पर 50 रुपये का खर्च किया गया। ऐसे प्रतिदिन 250 रुपये खर्च किए गए।