आगरा। शास्त्रीपुरम स्थित प्राइवेट स्कूल के प्रधानाचार्य के विरुद्ध छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। नाबालिग शिक्षिका का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने गलत काम करने का प्रयास किया। मामला एक कम चर्चित स्कूल का है। नाबालिग शिक्षिका ने बताया कि वह पांचवी कक्षा तक के एक स्कूल में अध्यापन कार्य करती है।
जब से नौकरी की है, प्रधानाचार्य डा. गौरव कुमार वर्मा उस पर बुरी नजर रखता है। उसके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास करता है।प्रधानाचार्य ने उसे अपने एक मित्र के पास भेजने का भी लालच दिया। उसकी हरकतों से परेशान होकर उसने नौकरी छोड़ने के लिए कहा तो प्रधानाचार्य ने अनुबंध पत्र का हवाला दिया।
उसका कहना था कि नौकरी छोड़ने पर 15 हजार रुपये जमा कराने होंगे। इंस्पेक्टर नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर प्रधानाचार्य डा. गौरव कुमार वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाईकी जाएगी।
नाबालिग को कैसे दे दी नौकरी:
बाल श्रमकानून के तहत नाबालिग से काम नहीं लिया जा सकता। प्रतिष्ठानों को इस आशय का बोर्ड भी लगाना होता है। इसके बावजूद शास्त्रीपुरम क्षेत्र के इस स्कूल में नाबालिग को शिक्षिका की नौकरी देना गैरकानूनी है।